हर पल हर ख्याल में तू ही तू, यही फ़रमाया है आपसे;
खुद को तो कब का खो चुके, अब तो हमसाया है आपसे,
जिस दरिया में उतरने को हजारो कश्तियाँ थी मचली,
वो दिल सबसे बचा के लगाया है आपसे।
खुद को तो कब का खो चुके, अब तो हमसाया है आपसे,
जिस दरिया में उतरने को हजारो कश्तियाँ थी मचली,
वो दिल सबसे बचा के लगाया है आपसे।
- कपिल कुमार गुप्ता 'दीवाना' (मार्च २३,२०१४)
क्यूँ तनहा है दिल मेरा, सब के साथ भी,
आसमां भी है साथ में और तारों की बारात भी,
आसमां भी है साथ में और तारों की बारात भी,
ढूँढ रहीं हैं निगाहें आज भी तुझे ए चाँद,
एक तनहा मैं हूँ और एक अकेली रात भी।
एक तनहा मैं हूँ और एक अकेली रात भी।
- कपिल कुमार गुप्ता 'दीवाना' (मार्च २४,२०१४)

कभी इधर जाये कभी उधर जाये,
क़दरदान हुस्न के यूँ ना हों बेख़बर जायें,
माना बेवफ़ाओं से भरी पड़ी है ये ज़ालिम दुनियाँ,
पर हम वो नहीं जो वादा क़रके मुक़र जायें। .
क़दरदान हुस्न के यूँ ना हों बेख़बर जायें,
माना बेवफ़ाओं से भरी पड़ी है ये ज़ालिम दुनियाँ,
पर हम वो नहीं जो वादा क़रके मुक़र जायें। .
- कपिल कुमार गुप्ता 'दीवाना' (मार्च २४,२०१४)