Saturday, September 7, 2013

तेरे सपने

सपने देखूं अब मैं तेरे,
 तेरी यादों के हैं फेरे

तेरे होठों की ये लाली, 
होली तू मेरी है दिवाली 

तेरी ये आँखें हैं नशीली, 
बातों में तू है शर्मीली 

तेरे जो गाल हैं गुलाबी , 
करते हैं मुझे ये शराबी 

अपना मैं तुझको बना लूं,   
दिल का मैं आशियाँ सजा दूं 

कातिल है तेरी ये जवानी, 
तू ही मेरे सपनों की रानी 

                          - कपिल कुमार गुप्ता 'दीवाना' (सितम्बर ७, २०१३)

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